जीवन है तो संग संग आशा
एक आशा सब अच्छा होगा
कभी तो जग भी सच्चा होगा
कभी तो दूर अँधेरा होगा
कभी तो जग में सवेरा होगा
कभी तो मैं भी निर्भय होउँगी
अपने रस्ते स्वयं चुनुँगी
दिन अँधेरे कभी भी चाहूँ
निर्भय होकर मैं जाऊँगी
कहीं न कोई निर्भय होगी
कहीं न कोई गुड़िया होगी
खुली हवा में मैं भी उड़ूँगी
मुझे न डर किसी का होगा
जीवन है तो संग संग आशा
एक आशा सब अच्छा होगा
एक आशा सब अच्छा होगा
कभी तो जग भी सच्चा होगा
कभी तो दूर अँधेरा होगा
कभी तो जग में सवेरा होगा
कभी तो मैं भी निर्भय होउँगी
अपने रस्ते स्वयं चुनुँगी
दिन अँधेरे कभी भी चाहूँ
निर्भय होकर मैं जाऊँगी
कहीं न कोई निर्भय होगी
कहीं न कोई गुड़िया होगी
खुली हवा में मैं भी उड़ूँगी
मुझे न डर किसी का होगा
जीवन है तो संग संग आशा
एक आशा सब अच्छा होगा