Tuesday 14 July 2015

आशा

जीवन है तो संग संग आशा 
एक आशा सब अच्छा होगा 
कभी  तो जग भी  सच्चा होगा 
कभी  तो दूर अँधेरा होगा 
कभी तो जग में सवेरा होगा 
कभी  तो मैं भी निर्भय  होउँगी 
अपने  रस्ते स्वयं चुनुँगी 
दिन  अँधेरे कभी  भी चाहूँ
निर्भय होकर मैं जाऊँगी 
 कहीं  न कोई निर्भय होगी 
कहीं न कोई गुड़िया होगी 
खुली हवा में मैं भी उड़ूँगी 
मुझे न डर  किसी का होगा 
जीवन है तो संग संग आशा 
एक आशा सब अच्छा होगा